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डायरी लेखन के लाभ

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  डायरी लेखन एक बहुत ही वैयक्तिक विधा है, जो शुरु तो खुद से होती है, लेकिन इसकी कोई सीमा नहीं। इसका विस्तार अनन्त है। दिन के महत्वपूर्ण घटनाक्रम, विचार-भावों के उतार-चढ़ाव, विशिष्ट मुलाकातें व यादगार सबक - इन सबका लेखा-जोखा डायरी लेखन के अंग हैं। आत्म मूल्याँकन की एक विधा के रुप में डायरी लेखन अगर आदत में शुमार हो जाए तो इसके लाभ अनेक हैं, और क्रमशः इससे नए-नए आयाम प्रकट होने लगते हैं। लेखन की विविध विधाएं इससे अनायास ही जुड़ती जाती हैं।  प्रस्तुत है नित्य डायरी लेखन के कुछ लाभ – 1.      स्व मूल्याँकन का एक प्रभावी उपकरण –    नित्य डायरी लेखन हमें अपने व्यवहार के साथ विचार-भाव व अंतर्मन की गहराईयों से रुबरु कराती है, जिससे हम क्रमशः अपने व्यक्तित्व की गहरी परतों, इसके पैटर्न से परिचित होते जाते हैं। हमें अपने जीवन का लक्ष्य, ध्येय, मंजिल और स्पष्ट होने लगते हैं, जो जीवन यात्रा के रोमाँच को और बढ़ा देते हैं। 2.      मनःचिकित्सा की एक प्रभावी तकनीक के रुप में –    तनाव, अवसाद के पल यदि जीवन में घनीभूत हो जाएं, तो जीवन एक प्रत्यक्ष नरक बन जाता है। तनावपूर