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मेरा गाँव मेरा देश - पर्वतारोहण का विधिवत प्रशिक्षण, भाग-2

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मानाली रोहतांग की बर्फीली वादियों में मानाली के पर्वतारोहण संस्थान में शुरुआती प्रशिक्षण का जिक्र पिछले ब्लॉग में हो चुका, जिसमें रॉक क्लाइंविंग, रिवर क्रोसिंग, बुश क्राफ्ट से लेकर नाइट स्फारी और सर्वाइवल कोर्स का रोमाँच कवर कर चुके हैं। इससे आगे का एडवेंचर गुलाबा फोरेस्ट के पास की बर्फीली वादियों में शेष था, जिसमें स्नोक्राफ्ट और स्कीइंग का बेसिक प्रशिक्षण मिलने वाला था। सोलाँग से हम अपना पिट्ठू बैग टाँगे संस्थान के बाहन में बैठते हैं और रास्ते में पलचान, कोठी जैसे गाँवों को पार करते हुए सर्पीली सड़कों के साथ गुलाबा मोड़ पर पहुँचते हैं। बीच का रास्ता अद्भुत दृश्यावलियों से भरा हुआ है। लगता है कि जैसे हम किसी दूसरे लोक में आ गए हैं। गहरी खाईयाँ, आसमाँ को छूते पर्वत और पहाड़ों से गिरते झरने, रास्ते भर यात्री इन दृश्यों को सांस थामे देखते रहते हैं। बीच में देवदार, मैपल और अन्य पेड़ों के साथ हिमालयन झाडियों से घिरी सडकें सफर को बहुत ही शांति और सुकूनदायी बनाती हैं। गुलाबा मोड़ पर गाड़ी रुकती है, इसके थोडा ऊपर एक समतल स्थान पर अपना तम्बू गाढ़ते हैं। हमारे इंस्ट्रक्टर पास के