शांति सुकून भरा बुलंदी का सफर

समग्र सफलता का राजमार्ग जीवन में हर जिंदा इंसान कुछ ऐसी बुलंदी भरी चाह रखता है, जिससे उसे एक विशिष्ट पहचान मिले, सफलता का नया आयाम मिले और साथ ही सुख-शांति, सुकून भरा अपना जहां मिले। लेकिन उत्कर्ष और अभ्युदय का ऐसा संगम-समन्वय किसी विरले को ही नसीब होता है। अधिकाँश तो सफलता की बुलंदी पर खुद को अकेला पाते हैं ; संसार से कटा हुआ और खुद से भी अलग-थलग। एकांकी सफलता का अभिशाप – ऐसे में आश्चर्य नहीं कि सफलता के शिखर पर भी व्यक्ति खुद को सार्थकता के बोध से वंचित पाता है और तमाम उपलब्धि, समृद्धि व शोहरत के बावजूद एक खालीपन से अशांत-क्लाँत रहता है। फिर इस खालीपन को भरने के लिए व्यसनों से लेकर नशों का जो सहारा लिया जाता है, वह व्यक्ति को शांति-सकून से ओर दूर ले जाता है। ऐसे में, सफलता पर संदेह पैदा होता है और इसके सही मायनों की खोज शुरु हो जाती है। जीवन के मर्मज्ञ सत्पुरुषों का सत्संग सफलता के प्रति समग्र समझ पैदा करता है। समग्र सफलता का राज मार्ग - ज्ञानियों के सत्संग में मिली जीवन दृष्टि के आधार पर पता चलता है कि जीवन में सफलता, बुलंदी के सही मायने क्या हैं। अधिकाँश लोग