सेब उत्पादन में क्रांतिकारी पहल के अग्रदूत

अब मैदानी इलाकों में सेब की महक सेब का नाम लेते ही शिमला , कश्मीर और कुल्लू जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के नाम जेहन में कौंध जाते हैं जहां इसकी उम्दा फसल स्वाभाविक तौर पर बहुतायत में उगाई जाती है। गर्म मैदानी इलाकों में सेब की फसल की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। कुछ ऐसे ही जैसे ठंडे पहाड़ों में आम की फसल की कोई सोच भी नहीं सकता। इनकी गुठली से पौध अंकुरित हो भी जाएं तो सर्दी में पाला मार जाए। ऐसे ही मैदानों में सेब का बीज पौध बन भी जाए तो गर्मी में झुलस जाए या उसके फूल व फल सही ढंग से विकसित नहीं हो पाएं। लेकिन हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला के पनियाला गांव के प्रयोगधर्मी किसान हरिमन शर्मा ने अपनी सूझबूझ से सेब की एक ऐसी वैरायटी तैयार की है , जो गर्म मैदानी इलाकों में भी उम्दा सेब की फसल दे रही है। 1800 फीट पर बसी इनकी नर्सरी देशभर के किसानों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुकी है , जिसके चलते गर्म मैदानी इलाकों में भी सेब उत्पादन की संभावनाएं साकार हो रही हैं। हिमाचल के बिलासपुर , कांगड़ा , हमीरपुर , ऊना , सोलन , मंडी जैसे जिलों में उसके सफल प्रयोग बगीचों का रूप ले चुके