मेरी पौलेंड यात्रा – 9, बिडगोश (पौलेंड) से दिल्ली वाया फ्रेंक्फर्ट(जर्मनी)

घर बापसी एवं यादों को समेटता पहला विदेश का सफर 26मई, 2019, रविवार, अंतिन दिन था। पैकिंग हो चुकी थी। मैडेम जोएना काल्का स्वयं गाड़ी लेकर हमें एयरपोर्ट छोड़ने आती हैं। यहाँ करेंसी एक्सचेंज होता है, क्योंकि पौलेंड का जलोटी अब हमारे ट्रांजिट एयरपोर्ट , फ्रेंक्फर्ट (जर्मनी) में नहीं चलने वाला था, वहाँ का करेंसी यूरो है। अतः जलोटी को यूरो में चेंज करते हैं और बाहर एयरपोर्ट पर बोर्डिंग काउंटर खुलने का इंतजार करते हैं। खाली समय में कोल्ड ड्रिंक्स , जूस आदि के संग प्यास बुझाने का निष्फल प्रयास करते हैं। क्योंकि इतने दिन पी रहे यहाँ के शुद्ध एल्कालीन (क्षारीय) पानी से प्यास नहीं बुझ पा रही थी। लेकिन ये सभी पेय भी प्यास को नहीं बुझा पा रहे थे। फ्लाईट में जाने से पूर्व बोर्डिंग पास लेते हैं, सेक्यूरिटी चैक से होकर गुजरते हैं, फिर वेटिंग रुम में बैठते हैं। बग्ल में ही यहाँ पीछे वोदका से सजी दुकानों में जाकर पता चला कि यह मूलतः पौलेंड का पेय है, जिसको हम बचपन से रुस से जुड़ी कहानियों में यहाँ का एक लोकप्रिय पेय मानते आए थे। और यहाँ इसकी दर्जनों वेरायटीज दिखीं। हमारे लिए इनका कोई मायने