फिल्म समीक्षा - बाहुबली, द बिगनिंग - विश्व सिनेमा की ओर भारतीय सिनेमा के बढ़ते कदम

फिल्म माध्यम की कालजयी सत्ता का अहसास कराता अभिनव प्रयोग फिल्म बाहुवली ने व्यापत घोटालों के गमगीन माहौल के बीच रोमांच की एक ताजी ब्यार बहा दी है, जिसको लेकर चर्चा का बाजार गर्म है। महज दो दिन में 100 करोड़ का आंकडा पार करने बाली यह फिल्म भारत में एक-एक कर सारे रिकोर्ड तोड़ रही है और अंतर्राष्ट्रीय मंच पर 9.5 आईएमडीबी रेटिंग के साथ भारतीय सिनेमा की सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही है। आश्चर्य नहीं कि क्रिटिक्स भी इसकी तारीफ करते दिख रहे हैं। जब मीडिया में इसकी चर्चा सुनी और इसका ट्रेलर देखा तो समझ में आ गया था कि थियेटर में जाकर ही देखना बेहतर होगा, लेप्टॉप या कम्पयूटर पर इसके साथ न्याय न हो सकेगा। फिल्म को लेकर अपने युवा मित्रों के साथ चाय पर चर्चा हो ही रही थी कि निर्णय हो गया कि शुभ कार्य में देर कैसी। बुकिंग हो गयी और दीवानों का टोला 10-15 किमी का सफर तय करता हुआ पेंटागन मल्टीप्लेक्स जा पहुंचा। हरिद्वार में रहते हुए यहांँ पर यह अपना पहला फिल्मी वाचन था। फिल्म देखकर लगा अपना निर्णय सही था और फिल्म अपनी चुनींदा चिर प्रेरक फिल्मों में शुमार हो गयी। फिल्म रहस्य-रोमांच,