संदेश

फ़रवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

सिटी ब्यूटिफुल में बजट ट्रैब्ल के उपयोगी टिप्स

चित्र
  टाउन प्लानिंग की मूक नसीहत देता यह सुंदर शहर चण्डीगढ़ स्वयं में एक अद्भुत शहर है, भारत का पहला सुनियोजित ढंग से तैयार किया गया शहर, जिसे सिटी ब्यूटिफुल का दर्जा प्राप्त है। इस शहर के साथ हमारी किशोरावस्था की यादें जुड़ी हुई हैं, जब दसवीं के बाद दो वर्ष सेक्टर-10 के डीएवी कॉलेज में पढ़ने का मौका मिला था। इसमें एक साल पास के 15 सेक्टर स्थित रामकृष्ण मिशन के विवेकानन्द स्टूडेंट होम में रुकने व इसके स्वामी लोगों से सत्संग का सौभाग्य मिला था। आज पहली बार सपरिवार चण्डीगढ़ रुकने का संयोग बन रहा था। हरिद्वार से चण्डीगढ़ तक वाया हथिनीकुण्डबैराज के सफर का जिक्र हम पिछली ब्लॉग पोस्ट में कर चुके हैं। अब चण्डीगढ़ पहुँचकर यहाँ रात को रुकने की व्यवस्था करनी थी। एक बाहरी घुम्मकड़ के लिए इस शहर में बजट ट्रैब्ल के साथ रुकने के क्या ऑपशन हो सकते हैं, इसको एक्सप्लोअर करते रहे। उपलब्ध जानकारियों को पाठकों के साथ शेयर कर रहा हूँ, जो पहली बार चण्डीगढ़ घूमने के लिए आ रहे किसी पथिक को शायद कभी काम आ जाए। चण्डीगढ़ में परिवार संग बजट में रुकने के लिए धर्मशालाएं सबसे उपयुक्त रहती हैं। हालाँकि आजकल तो ओयो

हरिद्वार से चण्डीगढ़ वाया हथिनीकुँड

चित्र
गाँव-खेत-फ्लाइऑवरों व नहरों के संग सफर का रोमाँच हरिद्वार से चण्डीगढ़ लगभग दो सवा दो सौ किमी पड़ता है, जिसके कई रूट हैं। सबसे लम्बा रुट देहरादून-पोंटा साहिब एवं नाहन से होकर गुजरता है। दूसरा बड़ी बसों का प्रचलित रुट वाया रुढ़की-सहारनपुर-यमुनानगर-अम्बाला से होकर जाता है। छोटे चौपहिया वाहनों के लिए शोर्टकट रुट वाया हथिनीकुंड वैराज से होकर है, जिस पर दिन के उजाले में सफर का संयोग पिछले दिनों बना। फरवरी माह के तीसरे सप्ताह में सम्पन्न यात्रा कई मायनों में यादगार रही, जिसे यदि आप चाहें तो इस रुट का चुनाव करते हुए अपने स्तर पर अनुभव कर सकते हैं। इस रुट की खासियत है, गाँव-खेतों, छोटे कस्वों एवं गंगा-यमुना नदी की नहरों के किनारे सफर, जिसमें कितनी तरह की फसलों, फल-फूलों व वन-बगानों से गुलजार रंग-बिरंगे अनुभव कदम-कदम पर जुड़ते जाते हैं। साथ में मिलते हैं लोकजीवन के अपने विविधतापूर्ण मौलिक रंग-ढंग, जो अपनी खास कहानी कहते प्रतीत होते हैं। हरिद्वार से बाहर निकलते ही गंगनहर के किनारे सफर आगे बढ़ता है। महाकुंभ 2021 के लिए बने नए फलाई-ऑवर के संग सफर एकदम नया अनुभव रहा, क्योंकि सड़क पहले से अधिक