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नकारात्मकता से सकारात्मकता की ओर ले जाता सृजन पथ

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जुड़ें पॉजिटिव ऊर्जा के स्रोत से   हर इंसान सुख शांति की तलाश में है। उत्साह उमंग आशा से भरे पलों में वह आंशिक रुप में इस तलाश को पूरी होता पाता है। ये पॉजिटिव ऊर्जा से भरे पल होते हैं। लेकिन इसके क्षीण होते ही जीवन में निराशा-हताशा के काले बादल मंडराने लगते हैं,   और जीवन अवसाद के सघन कुहासे में कहीं सिसकने लगता है। इस अंधेरे कोने से उबरने और जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ने के लिए आवश्यक है कि सकारात्मक ऊर्जा के स्रोत की खोज की जाए, इसकी ओर रुख किया जाए, जिससे कि एक कलाकार की भांति उतार-चढ़ावों के बीच एक संतुलित जीवन जिया जा सके। प्रस्तुत है पाजिटिव ऊर्जा स्रोत से जोड़ते कुछ ऐसे ही सुत्र-    1.      अपनी प्रतिभा एवं रुचि से जुड़ा जीवन लक्ष्य – यदि जीवन लक्ष्य स्पष्ट है तो आधी जीत हासिल समझो। फिर हर पल व्यक्ति इसको पाने के निमित सृजनात्मक प्रयास में व्यस्त रहता है और नकारात्मक विचारों को घुसने का मौका ही नहीं मिल पाता। और अगर जीवन लक्ष्य स्पष्ट नहीं तो , जीवन एक दिशाहीन नाव की भांति परिस्थितियों के   थपेड़ों के बीच हिचकोले खाने के लिए विवश होता है। अतः अपनी रुचि