आदर्शों का यह पथ रुमानी

जीवन में आदर्श को होना जरुरी है। आदर्श एक दिशासूचक का कार्य करता है , जो जीवन की नाव को संसार-सागर के बीच अनावश्यक वहकाव-भटकाव एवं दुर्घटनाओं से बचाता है। आदर्श क्या हो , एक शब्द में व्यक्त करना कठिन है। यह हर व्यक्ति की प्रकृति , रुचि-रुझान एवं स्वभाव के अनुरुप कुछ भी हो सकता है। सार इतना ही है कि आदर्श कुछ ऐसा हो , जिसे हम दिल से अनुभव कर सकें , जो हमारी रुह को गहराई से छू जाए , जो हमें जहाँ खड़े हैं वहाँ से आगे बढ़ने , ऊपर उठने के लिए प्रेरित कर सके। जो हमारी समूची चेतना को समेटकर सर्वांगीण विकास , चरमोत्कर्ष के जीवन ध्येय की ओर अग्रसर कर सके। आदर्श एक व्यक्ति भी हो सकता है , एक विचार-भाव भी और एक विशिष्ट कार्य भी। अगर आदर्श का चयन हो गया और हम आदर्श पथ पर बढ़ चले , तो समझो आधा काम हो गया। फिर फर्क नहीं पड़ता की हम इस पर आज सफल होते हैं या कल , क्योंकि अब हम उस मार्ग पर अग्रसर हैं , जो हमें अपनी सारी सीमाओं के पार ले जाने वाला है। अब यह भी फर्क नहीं पड़ता कि आदर्श आज संभव होता है या कल। क्योंकि दीवानी रुत इस संभव-असंभव के गुणा-भाग में नहीं पड़ती। वह तो इसे हर पल ,