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मेरा गाँव मेरा देश - बेसिक कोर्स का रोमाँच, भाग-1

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  मनाली की वादियों में ट्रेनिंग के पहले नौ दिन जून में सम्पन्न एडवेंचर कोर्स का सर्टिफिकेट लेने हम संस्थान आए थे। पता चला कि बेसिक कोर्स में मेडिकल कारण से कुछ केंडिडेट नहीं आ पाए और सीट खाली हैं। हम इसमें एप्लाई करते हैं और प्रवेश मिल जाता है। इस कोर्स में 67 प्रशिक्षु देश के कौने-कौने से आए थे। आसाम, बंगाल, बैंगलोर, दिल्ली, महाराष्ट्र आदि – भारत के लगभग हर कौने से इसमें एडवेंचर प्रेमी आए थे। कुछ लोक्ल युवक भी इसमें थे। एक सदस्य तो विदेश से भी था। इसमें हर उम्र के लोग थे, कुछ हमारी उम्र के, कुछ हमसे छोटे, तो कुछ हमसे बड़े।   बेसिक कोर्स के शुरुआती दिनों में तो वही प्रशिक्षण मिला, जो एडवेंचर कोर्स में किए थे। लेकिन यह उससे थोड़ा एडवाँस्ड और कठिन था। पहले का प्रशिक्षण निश्चित रुप में हमारे काम आ रहा था। पंजाव कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना में खेल कूद में सक्रिय होने के कारण तन-मन की रफ-टफ पृष्ठभूमि भी यहाँ उपयोगी साबित हो रही थी। अब तक का फ्रीस्टाइल में अपने आस-पास के पहाड़ों में की गई ट्रेकिंग औऱ घुमक्कड़ी के अनुभव तो साथ में थे ही। पहली बार ऐसे भाग-दौड़ भरे प्रशिक्षण में आए सुकु