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इतना काफी नहीं

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मंदिर में भगवान अच्छे , लेकिन ,   इतना काफी नहीं ,           मन मंदिर में स्थापित करना होगा।         दीवालों पर टंगे चित्र आदर्शों के भले , लेकिन ,   इतना काफी नहीं ,       जीवन में धारण करना होगा। नक्शा जीवन का क्या खूब ,   लेकिन ,   इतना काफी नहीं ,   जमीं पर उतारना होगा।   भटक लिए मदहोशी में बहुत , लेकिन ,   अब और नहीं ,           होश में ,   खुद को संवारना होगा।।         बातें कर ली अच्छाई-भलाई की बहुत , लेकिन ,   इतना काफी नहीं ,                 सच की आँच में खुद को तपाना होगा।   इबादत कर लिए खुदा की बहुत , लेकिन ,   इतना काफी नहीं ,       खुदी को बुलन्द करना होगा।   चर्चा हो गई परिवर्तन की बहुत , लेकिन ,   इतना काफी नहीं ,                                      परिवर्तन बनकर दिखाना होगा। भांज लिए अंधेरे में लाठी बहुत , लेकिन ,   समाधान कहाँ ,                                        अंतर का दीपक जलाना होगा।। हो गयी शास्त्रों की चर्चा बहुत ,         लेकिन इतना काफी नहीं ,                       जीवन को शास्त्र बनाना