यात्रा वृतांत - शिमला से कुल्लू वाया जलोड़ी पास

शिमला की एप्पल बेल्ट का एक यादगार , रोमांचक सफर शिमला, प्रदेश की राजधानी होने के नाते हमारा बचपन से ही आना जाना रहा है। यहां जाने का कोई मौका हम शायद ही चूके हों । शुरु में अपने स्कूल, कालेज के स र्टिफिके ट इक ट्ठा करने, तो बाद में एडवांस स्टडीज में शोध-अध्ययन हेतु। यहां घूमने के हर संभव मौकों पर शिमला शहर के आसपास के दर्शनीय स्थलों को अवश्य एक्सप्लोअर करते रहे। लेकिन शिमला के असली सुकून और रोमांच भरे दर्शन तो शहर से दूर-दराज के ग्रामीण आंचलों में हुए, जहाँ किसान अपनी पसीने की बूंदों के साथ माटी को सींच कर फल-सब्जी उत्पादन के क्षे त्र में जमींन से सोना उपजा रहे हैं। पिछले ही वर्ष शिमला के कोटखाई इलाके में ढांगवी गांव में प्रगति शील बागवान रामलाल चौहान से मिलने का सुयोग बना था , जिसमें यहां चल रहे सेब-नाशपाती जैसे फलों की उन्नत प्रजातियों के साथ सफल प्रयोग व इनके आश्चर्यजनक परिणामों को देखने का मौका मिला। सुखद आश्चर्य हुआ था दे खकर कि इनके बगीचों में वैज्ञानिक की प्रयोगधर्मिता और दत्तचित्तता के साथ विश्व की आधुनिकतम फल किस्मों को आजमाया जा रहा