यात्रा वृतांत - कुंजापुरी शक्तिपीठ
कुंजापुरी से नीरझरना , ट्रेकिंग एडवेंचर कुंजापुरी ऋषिकेश क्षेत्र का एक कम प्रचलित किंतु स्वयं में एक अद्वितीय एवं दर्शनीय तीर्थ स्थल है। शक्ति उपासकों के लिए इस स्थान का विशेष महत्व है क्योंकि कुंजापुरी पहाडी के शिखर पर बसा यह शक्तिपीठ पौराणिक मान्यताओं के अनुसार 52 शक्तिपीठों में से एक है , जहाँ माता सती का छाती वाला हिस्सा गिरा था। कुंजा पहाडी के शिखर पर बसे इस तीर्थ का एकांत-शांत वातावरण, प्रकृति की गोद में शांति को तलाशते पथिकों के लिए एक आदर्श स्थान है। राह का प्राकृतिक सौंदर्य़ – यह स्थान ऋषिकेश से महज 25 किमी की दूरी पर स्थित है। नरेन्द्रनगर से होकर यहाँ का रास्ता हरे-भरे सघन जंगल से होकर जाता है , जिसके बीच यात्रा जैसे प्रकृति की गोद में शांति-सुकून का गहरा अहसास देती है। जैसे-जैसे सफर ऊपर बढ़ता है नीचे ऋषिकेश , गंगाजी व ऊधर जोलीग्रांट-देहरादून का विहंगमदृश्य क्रमशः स्पष्ट होने लगता है। आसपास पहाड़ियों पर बसे गाँव , उनके सीढ़ीदार खेत दूर से दिलकश नजारा पेश करते हैं। बरसात के बाद अगस्त-सितम्बर के माह में इस राह का नजारा अलग ही रहता है