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दिल से चाह कर, दाम चुका कर तो देखो

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ऐसा क्या जो तुम नहीं कर सकते   क्यों भिखारी बन भीख माँगते हो, क्रीतदास बन हाथ पसारते हो, जो चाहते हो उसे पहले दिल से चाह कर तो देखो, फिर उसकी कीमत चुका कर तो देखो।1। ऐसा क्या है, जो तुम नहीं कर सकते, ऐसा क्या है जो तुम नहीं पा सकते, दिल से चाहकर, दाम चुकाकर तो देखो, आलस-प्रमाद, अकर्मण्यता की खुमारी को हटाकर तो देखो।2।   सारा जग है तुम्हारा, तुम इस जग के, यदि पात्रता नहीं, तो विकसित करने में क्या बुराई, कौन पूर्ण यहाँ, सभी की अपनी अधूरी सच्चाई, हर कोई संघर्ष कर रहा, लड़ रहा अपनी लड़ाई।3। शॉर्टकट भी जीवन में कई, कुछ बनने के, कुछ पाने के,  लेकिन, बिना दाम चुकाए, बढ़प्पन कमाने में क्या संतोष, क्या अच्छाई, मुफ्त में हासिल कर भी लिए, तो क्या मज़ा,  शांति-सुकून बिना कितना खालीपन, अंजाम कितना दुःखदाई।4।