पर्व-त्यौहार – गणेश उत्सव का प्रेरणा प्रवाह

विघ्न विनाशक, बुद्धि-विवेक के दाता, ऋषि-सिद्धि के अधिष्ठाता गणेश भारतीय पौराणिक इतिहास, कथा गाथाओं के एक अहं, रोचक एवं लोकप्रिय पात्र हैं। भारत ही नहीं विश्व के हर कौने में इनकी उपासना के प्रमाण मिलते हैं। इनके रुपाकार को देखते हुए इतिहास से अनभिज्ञ बच्चे इन्हें एलीफेंट गॉड के रुप में जानते हैं। इनके स्वरुप व विशेषताओं को प्रकट करता संक्षिप्त वर्णन यहाँ हिमवीरु की इस ब्लॉग पोस्ट में प्रस्तुत है। शास्त्रों के अनुसार गणेश माँ पार्वती के मानस पुत्र हैं। गणेश को बुद्धि-विवेक के दाता, विघ्न विनाशक और ऋद्धि-सिद्धि के अधिष्ठाता माना जाता है। इनका पौराणिक एवं धार्मिक महत्व जो भी हो, इनकी विशेषताओं के आधार पर इनका सामयिक महत्व एवं प्रासांगिकता बहुत है, जिस पर विचार करना अभीष्ट हो जाता है। गणेश उत्सब के अवसर पर कहीं एक दिन तो महाराष्ट्र जैसे प्रांत में पूरे दस तक गणपति वप्पा मोरिया का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। भादों की शुक्ल चतुर्थी से शुरु यह उत्सव अनन्त चतुर्दशी के दिन सम्पन्न होता है। अंतिम दिन गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है। विसर्जन के साथ ही उत्सव का