सतना के आसपास के दर्शनीय स्थल

इतिहास को समेटे विन्ध्यक्षेत्र का यह प्रवेश द्वार सतना म.प्र. के एक जिला के साथ मुख्यालय शहर भी है , जो प्रमुखतया सीमेंट फेक्ट्रियों के लिए माना जाता है। पास की पहाड़ियों में लाइमस्टोन और डोलोमाइट की प्रचुरता के कारण यहाँ लगभग आधा दर्जन सीमेंट फेक्ट्रियाँ हैं। इसके अतिरिक्त सतना अपने आँचल में कई हजार साल पुराने इतिहास को भी समेटे हुए है। रामायण-महाभारत काल से इसके तार जुड़े मिलते हैं। पुरातात्विक साक्ष्य बौद्ध काल के शक्तिशाली शासकों से भी इसका सम्बन्ध जोड़ते हैं। सतना अंग्रेजों के भी प्रभाव में रहा। यहाँ बहने वाली नदी सतना के नाम पर शहर का नाम सतना पड़ा , जहाँ यह शहर एक और सोन नदी , तो दूसरी ओर तमस नदी से घिरा हुआ है। हालाँकि आज जलवायु परिवर्तन के कारण इन नदियों का अस्तित्व संकट में है , जबकि आज से दो-तीन दशक पूर्व तक ये पूरे वेग के साथ बहा करती थीं। सतना के मुख्त्यारगंज इलाके में व्यंकटेश मंदिर अपने विशिष्ट वास्तुशिल्प और प्राचीनता के चलते खास है। माना जाता है कि इसका निर्माण 1876 और 1925 के बीच देवराजनगर के शाही परिवार द्वारा किया गया था। यहाँ के मंदिर में तिरुपतिवालाज