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यात्रा वृताँत – कुल्लू से नेहरुकुंड-वशिष्ठ वाया मानाली लेफ्ट बैंक

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बर्फीली बादियों के बीच गर्मचश्मों का यादगार सफर अपर बैली – कुल्लू जिला भौगोलिक दृष्टि से हिमाचल प्रदेश के लगभग ह्दय क्षेत्र में विराजमान है। इसमें कई घाटियाँ हैं, जैसे-पार्वती वैली, बंजार-सैंज वैली, गड़सा वैली, डुग्गी लग वैली, फोजल वैली आदि, जो विभिन्न छोटी नदियों के ईर्द-गिर्द बसी हैं। कुल्लू शहर के सामने की खराहल वैली के आगे मानाली की ओर ब्यास नदी के दोनों ओर नेशनल हाईवे के साथ 40-50 किमी लम्बी और 2-4 किमी चौड़ी अप्पर वैली पड़ती है, जो शायद स्वयं में सभी घाटियों की सरताज है। एक तो इसके अप्रतिम प्राकृतिक सौंदर्य के कारण , दूसरा इससे जुड़े पर्यटन एवं तीसरा इसके फल-सब्जी उत्पादन में अग्रणी भूमिका के कारण। फिर यहाँ की ऐतिहासिक और आध्यात्मिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि भी अनुपम और बेजोड़ है। प्रकृति ने जैसे दिल खोलकर घाटी पर अपने अनुदान वरसाए हैं। वर्षभर बर्फीली घाटियों व ग्लेशियरों से पोषित इसकी हिमानियों का जल किसी मिनरल वाटर से कम नहीं होता, जो बर्षभर भूमि को निर्बाध रुप से सींचित करता रहता है। हालाँकि ग्लोबल वार्मिंग की झुलसन कुछ-कुछ यहाँ भी अहसास होने लगी है,