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यात्रा वृतांत - मेरी यादों का शिमला और पहला सफर बरसाती, भाग-1

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हिमाचल वासी होने के नाते, शिमला से अपना पुराना परिचय रहा है। शुरुआती परिचय राजधानी शिमला से हुआ, जहाँ स्कूल-कालेज के दिनों में रिजल्ट से लेकर माइग्रेशन तक आना रहा। दूसरा परिचय लुधियाना में पढ़ते हुए युनिवर्सिटी टूर के दौरान हुआ। बस स्टैंड से माल रोड और रिज तक का सफर। इन संक्षिप्त दौरों में शिमला से सतही परिचय ही अधिक रहा। राह में शिमला की पहाड़ियां, देवदार के पेड़ और घाटी के विहंगम दृश्य अवश्य मन को लुभाते रहे, लेकिन कंकरीट में तबदील होता शिमला मन को कचोटता रहा। इसके बाद एक बार शिमला यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे भाईयों से मिलने आया तो देवदार के सघन बनों की गोद में विचरण का मौका मिला, जिसमें पहली बार कंकरीटी जंगल में तबदील होते शहर से इतर शिमला के नैसर्गिक सौंदर्य को नजदीक से निहारा और शिमला की मनोरम छवि ह्दय में गहरे अंकित हुई। इसे कभी फुरसत में एक्सप्लोअर करने का भाव रुह में समा चुका था। इसे पूरा करने का संयोग लगभग दस बर्ष बाद 2010 में पूरा होता है भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान  - शिमला से गाढ़ा परिचय होता है नबम्वर 2010 में, जब भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान (IIAS - Indian Institu