यात्रा वृतांत – 6, पोलैंड का छिपा नगीना, तोरुण शहर

तोरुण के मध्यकालीन ऐतिहासिक शहर में... आज का दिन हमारा बिडगोश शहर के पास के ऐतिहासिक शहर तोरुण के दर्शन का था। ज्ञात हो कि यह पोलैंड ही नहीं पूरे यूरोप का अपनी ऐतिहासिक विरासत को संजोए सबसे सुन्दर शहर माना जाता है। यह एक ऐसा सौभाग्यशाली शहर है जो द्वितीय विश्वयुद्ध में हुए ध्वंस एवं हवाई हमलों से बचा रहा। अतः इस की ऐतिहासिक इमारतों एवं समारकों का अपना विशिष्ट महत्व है, जो पौलेंड की मध्यकालीन संस्कृति की झलक देते हैं। अपनी ऐतिहासिक विशेषताओं के कारण तोरुण यूनेस्को द्वारा नामित विश्व की ऐतिहासिक धरोहरों में शुमार है, साथ ही प्रख्यात खगोल वैज्ञानिक कॉपर्निक्स की जन्म एवं कर्मस्थली होने के कारण इस शहर का अपना महत्व है। बिडगोश शहर से प्रातः नाश्ता कर हम तोरुण शहर के लिए निकल पड़ते हैं। काजिमीर विल्की यूनिवर्सिटी से काल्का मेडेम के पति प्रो. क्रिस्टोफ स्वयं ड्राईविंग कर रहे थे। वे कॉपर्निक्स विश्वविद्यालय में दर्शन विभाग के विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं। मितभाषी, स्वयं में मस्त-मग्न सरल स्वभाव के धनी प्रोफेसर साहब 100-120 किमी प्रति घंटे की गति के साथ गाड़ी को यहाँ की स्पाट, सु