यात्रा वृतांत - मेरी पहली मुम्बई यात्रा, भाग-2

अक्सा बीच व कान्हेरी गुफाओं की गोद में पिछले ब्लॉग में हम मुम्बई में प्रवेश से लेकर, वाशी सब्जी मंडी व यातायात का वर्णन कर चुके हैं, इस पोस्ट में हम अगले दिनों मुम्बई के कुछ दर्शनीय इलाकों के रोचक एवं ज्ञानबर्धक अनुभवों को शेयर कर रहे हैं, जिनमें अक्सा बीच का सागर तट और कान्हेरी गुफाएं शामिल हैं। मुम्बई की गगनचुम्बी इमारतें महानगर को विशेष पहचान देती हैं, जिनमें अधिकाँशतः कंपनियों के ऑफिस रहते हैं। महानगरों की आबादी को समेटने के उद्देश्य से कई मंजिले भवनों का निर्माण समझ आता है। फिर यहाँ शायद भूकम्प का भी कोई बड़ा खतरा नहीं है। सागर, नदियाँ व बाँध पास होने की बजह से पीने के पानी भी यहाँ कोई बड़ी समस्या नहीं है। जिंदगी यहाँ भागदौड़ में रहती है, जिसे यहाँ के व्यस्त ट्रेफिक को देखते हुए समझा जा सकता है। नवी मुम्बई के रास्ते में पवाई लेक के दर्शन हुए, जो काफी बड़ी दिखी। इसके किनारे रुकने व अधिक समझने का तो मौका नहीं मिला, लेकिन यह महानगर का एक आकर्षण लगी, जिसके एक ओर आईआईटी मुम्बई स्थित है और पीछे पहाड़ियाँ व घने जंगल। इसके आगे सागर के बेकवाटर पर बने पुल व पृष्ठ